ब्लड प्रेशर जड़ से खत्म | ब्लड प्रेशर High क्यों होता है? | High Blood Pressure


High Blood Pressure


उच्च रक्त चाप को हाई ब्लड प्रेशर (HTN) भी बोला जाता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली चिकित्सा की स्थिति है। हाई ब्लड प्रेशर में धमनियों में रक्त चाप लगातार बढ़ा हुआ होता है। ब्लड प्रेशर High क्यों होता है? कौन जिम्मेदार है High Blood Pressure के लिए ? इसको जानने के लिए आप पूरा ब्लॉग पढ़ें।



उच्च रक्तचाप के विकार 

उच्च रक्तचाप आमतौर पर लक्षणों का कारण नहीं बनता। यदि लंबे समय तक उच्च रक्तचाप रहता है तो यह कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, दिल की विफलता, आलिंद फिब्रिलेशन, परिधीय धमनी रोग, आंखों की रोशनी का कम हो जाना क्रॉनिक किडनी की बीमारियां और मनोभ्रंश यानी के डिमेंशिया आदि रोग हो सकते  हैं। 

कारण
इसका सबसे बड़ा कारण आज कल का रहन-सहन खाना-पीना उठना और बैठना है। जो लोग अधिक नमक खाते हैं उनको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है। 

ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ रहा है?

एक व्यक्ति को लगभग 5 ग्राम नमक प्रतिदिन खाना चाहिए और ऊपर से किसी भी वस्तु पर नमक डालकर खाने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ता है। अगर हम एक व्यक्ति के भोजन पर नजर डालें तो आप समझ जाएंगे कि ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ रहा है?

खाने में जितना नमक भोजन में डाला जाता है वह पर्याप्त है। लेकिन यदि हम सलाद खाते हैं, तो उसमें भी नमक डालते हैं। छाछ लेते हैं तो उसमें भी नमक  डालते हैं। अचार लेते हैं तो उसमें बहुत ज्यादा नमक होता है। बाद में पापड़ भी खाते हैं। 

जिससे नमक की मात्रा हर तरह से बढ़ जाती हैं। उसके बाद दिन में कई बार लोग नींबू की शिकंजी भी लेते हैं तो उसमें भी नमक होता है। चाय के साथ नमकीन खाते हैं तो उसमें भी नमक होता है।

इस प्रकार से देखा जाए तो पूरे दिन में आदमी नमक की मात्रा अधिक ले लेता है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ रही है।

धूम्रपान


इसके अतिरिक्त धूम्रपान करने से भी रक्तचाप बढ़ता है। आजकल लोग धूम्रपान के बहुत शौकीन हो गए हैं और उनको इसकी बुरी आदत पड़ गई हैं। इसके कारण उनका ब्लड प्रेशर और अधिक बढ़ता चला जाता है। शराब या अल्कोहल की आदत भी लोगों में बहुत बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आ रही है।

अधिक ठंडा पानी

खाना खाने के साथ बहुत अधिक ठंडा पानी पीने या से भी रक्तचाप बढ़ जाता है।  खाना खाने से लगभग 40 मिनट पहले पानी पी सकते हैं। खाना खाने के बीच में एक या दो घूंट पानी गला साफ करने के लिए ले सकते हैं।

खाना खाने के बाद एक घूंट पानी गला साफ करने के लिए पर्याप्त है। इसके बाद पूरे 40 मिनट तक पानी नहीं लेना है। उसके बाद खुद प्यास लगेगी तो अब आपको पानी लेना है। लेकिन पानी धीरे - धीरे बैठकर ही पीना चाहिए।

पानी के बारे में कहा गया है, कि पानी को खाना चाहिए। खाने के बारे में कहा गया है, कि खाने को पीना चाहिए।

भोजन का तरीका 

इन लाइनों का अर्थ है कि पानी को शिप - शिप करके मुंह  में घुमा कर पीना चाहिए। खाने को इतना चबाना  चाहिए कि उसका पानी बन जाए। आपने देखा होगा कि सभी जानवर भोजन को इतना चबाते  हैं  कि लार के साथ भोजन अच्छी तरह मिक्स हो जाता है। 

उसके बाद वह गले से नीचे ले जाते हैं।  इससे पाचन शक्ति हमेशा अच्छी बनी रहती है और उचित प्रकार के रस खाने से निकलते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है।

खाने को इतना चबाना चाहिए कि वह बिल्कुल पेस्ट की तरह बन जाए। यदि ऐसा होगा तो हमें रोग नहीं हो पाएंगे और हम हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

रक्त चाप वर्गीकरण

उच्च रक्तचाप को प्राइमरी उच्च रक्तचाप या सेकेंडरी उच्च रक्तचाप के रूप में वर्गीकृत किया गया है। लगभग 92 - 95% मामले प्राइमरी रक्तचाप के होते हैं। जिनका कारण निरर्थक जीवनशैली और अनुवांशिक कारण होता है।

5 से 10% मामलों में सेकेंडरी उच्च रक्तचाप को वर्गीकृत किया गया है। इसमें किडनी की बीमारी, गुर्दे की धमकियों का संकुचित हो जाना, अंत स्रावी विकार या बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी के जन्म नियंत्रण की गोलियों का उपयोग करना शामिल है।

नार्मल रीडिंग


रक्तचाप को दो मापों के द्वारा  व्यक्त किया जाता है। 1- सिस्टोलिक और 2- डायस्टोलिक दबाव।  जो क्रम से अधिकतम और न्यूनतम दबाव होते हैं। 

अधिकांश वयस्कों के लिए इसकी  सामान्य रक्तचाप रीडिंग 100 - 130 mm Hg  सिस्टोलिक और  60-80  mm Hg डायस्टोलिक की सीमा के भीतर होती है।

रक्तचाप कंट्रोल 


रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए हमें जीवन शैली में बदलावकरना होगा और प्रकृति के साथ रहते हुए उसके नियमों का पालन करना होगा। 

प्राकृतिक  तरीके से भी हम रक्तचाप को कंट्रोल कर सकते हैं। एक्यूप्रेशर के माध्यम से भी चल रही दवाइयां धीरे-धीरे कम होकर बंद हो जाती हैं। 


इस प्रकार से आप स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।  जीवन शैली में बदलाव करने के लिए आप सही भोजन खाएं और सही प्रकार से भोजन में नमक की मात्रा कम से कम ले और अपने भोजन में स्वस्थ आहार को शामिल करें। सेंधा नमक का ही प्रयोग करें। यदि आप यह नहीं कर सकते तो आपको जीवन भर रक्तचाप की दवाइयों का सेवन करना पड़ेगा।  आजकल लोग बिना दवाई के भी अपना रक्तचाप अपनी  अपनी जीवनशैली को सुधार कर कंट्रोल कर रहे हैं। यदि आप दवा मुक्त समाज की स्थापना करना चाहते हैं तो और पढ़े पर क्लिक करें। ...... 
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